तल्लीताल से महात्मा गांधी जी की मूर्ति शिफ्ट करने व हैरिटेज पोस्ट ऑफिस को तोड़ने के विरोध में नैनीताल पीपुल्स फोरम व अन्य जन संगठनों ने किया उपवास व धरना प्रदर्शन, जिलाधिकारी के नाम दिया ज्ञापन
नैनीताल । नैनीताल के सौंदर्याकरण व सड़क चौड़ीकरण के नाम पर तल्लीताल से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति को हटाने व हैरिटेज पोस्ट ऑफिस को तोड़ने के प्रशासन के प्रस्ताव के विरोध में नैनीताल पीपुल्स फोरम व अन्य संगठनों ने शुक्रवार को गाँधीजी की मूर्ति के समीप दिनभर उपवास रखकर धरना प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया ।
प्रशासन ने तल्लीताल चौराहे से पोस्टऑफिस को अन्यत्र शिफ्ट करने व गांधी जी की मूर्ति को गांधी ग्राम ताकुला ले जाने का प्रस्ताव बनाया है। जबकि तल्लीताल चौराहे पर गाँधीजी की सूत कातती छोटी मूर्ति लगाने की योजना है।
नैनीताल पीपुल्स फोरम के आह्वान पर शुक्रवार सुबह 9 बजे से यह उपवास, धरना प्रदर्शन शुरू हुआ और दिन भर शहर के कई गणमान्य लोग इस आंदोलन को समर्थन देने धरना स्थल पर पहुंचे । धरना स्थल पर बैनर पोस्टर लगाकर हैरिटेज पोस्ट ऑफिस को तोडने व राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की मूर्ति को हटाने की योजना पर कड़े कटाक्ष किये गए थे । धरने को नैनीताल पीपल्स फोरम के राजीव लोचन साह, अधिवक्ता कैलाश जोशी, पद्मश्री अनूप साह, प्रसिद्ध रंगकर्मी जहूर आलम, कांग्रेस नेता व पूर्व दर्जा राज्य मंत्री डॉ. रमेश पांडे, रईस अहमद, कांग्रेस नगर अध्यक्ष अनुपम कबड़वाल, डॉ. भावना भट्ट, राजेन्द्र व्यास, मुन्नी तिवारी, डॉ. सरस्वती खेतवाल, मुकेश जोशी मंटू, कुर्मांचल बैंक के अध्यक्ष विनय साह, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष डॉ. मनोज बिष्ट गुड्डू, प्रो.उमा भट्ट, प्रो. शीला रजवार, परिवहन निगम की कर्मचारी नेता लीला बोरा, मनमोहन कनवाल, निलंजना डालमियां, नीतू पंवार, माया चिलवाल, चंपा उपाध्याय, कविता उपाध्याय, कमला कुंजवाल, उपपा नेता दिनेश उपाध्याय, राज्य आंदोलनकारी महेश जोशी, जय जोशी, पवन राकेश, हरीश पाठक, दीवान सिह कनवाल, हरेंद्र बिष्ट सहित कई अन्य ने सम्बोधित किया और प्रशासन की इस मंशा पर गम्भीर सवाल उठाए ।
वरिष्ठ पत्रकार राजीवलोचन साह ने कहा कि तल्लीताल का पोस्ट ऑफिस 1873 में लेकब्रिज के ऊपर स्थापित हुआ । जो लकड़ी का बना है। इस हैरिटेज भवन को न हटाने के लिये केंद्रीय संचार मंत्री ने उत्तराखंड शासन को पत्र लिखा है । इसलिये इस हैरिटेज भवन को हटाना न केवल विधि विरुद्ध है बल्कि नैनीताल वासियों की स्मृति को भी धूमिल करना है। जबकि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति हटाने का विचार इससे भी अधिक संवेदनशील है । क्योंकि यह योजना नैनीताल में अधिक से अधिक वाहनों के प्रवेश के लिये बनाई गई है। उन्होंने भूकम्प की दृष्टि से अति संवेदनशील तल्लीताल लकड़ी टाल के ऊपर बहुमंजिला पार्किंग बनाने पर भी गम्भीर सवाल उठाए ।
इस दौरान तय किया गया कि दीवाली के बाद इस आंदोलन को और तेज किया जाएगा और मुख्य कार्यक्रम राज्य स्थापना दिवस पर होगा ।