उत्तराखंड के लोक पर्व फूलदेई और छम्मा देई पर रतना साह की विशेष रिपोर्ट


नैनीताल। नगर की फोटोग्राफर रतना साह ने फूलदेई पर्व पर कहा कि
फूलदेई का पर्व प्रकृति प्रेम और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह पर्व बसंत ऋतु के स्वागत में मनाया जाता है। इस दिन घरों में मरुस्थल पर फूल बिछाए जाते हैं और लोकगीत गाकर खुशहाली की कामना की जाती है।



**फूल देकर पर्व मनाने का कारण।**
फूलदेई पर्व चैत्र संक्रांति के दिन मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र माह से ही नववर्ष की शुरुआत होती है।
फूलदेई पर्व प्रकृति और संस्कृति से जुड़ा है फूलदेई पर्व बच्चों द्वारा मनाया जाने वाला पर्व है
फूलदेई पर्व लोकगीतों, मान्यताओं और परंपराओं से जुड़ने का भी अच्छा अवसर प्रदान करता है।
संस्कृति से जुड़े रहने की प्रेरणा देता है फूलदेई पर्व।