मुंबई से नैनीताल पहुंची नैनीताल की बेटी डॉ मेघा भारती को अमेरिका, यूक्रेन और अन्य देशों में मिला है सम्मान, डॉ.मेघा भारती संगीत, साहित्य, कला, पत्रकारिता और समाज सेवा के क्षेत्रों में कर रही हैं सराहनीय कार्य,नैनीताल की अनमोल रत्न है डॉ. मेघल भारती मेघल”

नैनीताल।’मेघल’ एक जाना माना नाम हैं। वे अपनी बहुमुखी प्रतिभा से अनगिनत उपलब्धियां हासिल कर कई बार विश्व पटल पर अपना नाम लिखवा चुकीं हैं। अपनी कला और कार्यक्षेत्र में नित नए आयाम स्थापित कर चुकीं हैं। अमेरिका, यूक्रेन और अन्य देशों से प्राप्त सम्मान और पुरस्कार उनके जीवन की अनगिनत सफलताओं के प्रमाण हैं जिसके चलते वे एक अंतर्राष्ट्रीय सेलेब्रिटी का दर्जा प्राप्त कर चुकीं हैं। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर मिली ये प्रशंसा उनके संघर्ष की गवाही देती है।


मुंबई से नैनीताल पहुंची डॉ मेघा भारती से हुई विशेष बातचीत में बताया कि

नैनीताल की शांत वादियों में जन्मी और पली-बढ़ी डॉ. मेघल की शिक्षा की नींव भी यहीं से रखी गई। डॉ. मेघल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा नैनीताल के सेंट मेरीज़ कान्वेंट से प्राप्त की और कुमाऊँ विश्वविद्यालय के डी.एस.बी. कैंपस से पोस्ट ग्रेजुएट हुईं। मुम्बई शिफ्ट होने से पूर्व डॉ. मेघल, अंग्रेज़ी साहित्य में पी.एच.डी कर विश्वविद्यालय में अंग्रेज़ी विभाग में प्रोफ़ेसर भी बनीं। शायद यही कारण है कि देश और विदेशों में कई ख़ूबसूरत शहर देखकर भी इन्हें नैनीताल की सुन्दरता ही सबसे अधिक भाती है। इस बीच, एक काफी लंबे समय के अंतराल के बाद ही डॉ.मेघल का नैनीताल आना हुआ। आजकल वे उत्तराखंड के पहाड़ों की खूबसूरती अपने गीतों की शूटिंग के माध्यम से पर्दे पर साझा कर रहीं हैं। अपने नए गीत ‘ज़रूरी है’ की रिलीज़ पर इनका यहाँ आना हुआ है। इससे पूर्व भी इन्होंने अपना गीत ‘डियर सुआ’ रिलीज़ किया जो इन्होंने यहीं फ़िल्माया था। बीते दिन, नैनीताल पहुँची डॉ. मेघल की द टाइम्स ऑफ इंडिया से हुई मुलाकात के कुछ अंश यहाँ प्रस्तुत हैं।
“क्वीन ऑफ कुमाऊँ” के नाम से प्रख्यात,साहित्य प्रेमियों,कला प्रेमियों एवं संगीत प्रेमियों के बीच बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न डॉ.मेघल एक लोकप्रिय नाम हैं। कुछ नया सबसे पहले करने के लिए, मेघल जानी जातीं हैं। गायन हो या लेखन, शैक्षणिक कार्य हों या पत्रकारिता, साहित्य सेवा हो या समाज सेवा – हर क्षेत्र में ख्याति प्राप्त कर उन्होंने सिद्ध कर दिया है कि वे एक प्रथम अन्वेषक और मार्ग निर्माता हैं। हर क्षेत्र में उन्होंने अपने हुनर का लोहा मनवाया है। अपने हर अंदाज़ से अपने प्रशंसकों और फैंस के हृदय को छू लेने वालीं मेघल का कहना है कि एक गायिका, गीतकार और संगीतकार ही नहीं बल्कि एक लेखक के रूप में भी वो जो कुछ रच रहीं है उसमें उत्तराखंड और विशेषकर उनकी जन्मस्थली नैनीताल की मिट्टी और ख़ूबसूरती की महक उनके श्रोताओं को महसूस होती ही है। यहाँ की सादगी उनकी परवरिश में रही और वही उनके सभी रचनात्मक कार्यों में झलकती है।
संगीत और साहित्य के क्षेत्रों में बराबर अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है उत्तराखंड की बेटी मेघल ने – गायिका ऐसीं की “ग़ज़ल शहज़ादी” के ख़िताब से नवाज़ी गईं। गीतकार ऐसीं कि जर्मन फ़िल्म फेस्टिवल में नामित हुईं, “सर्वश्रेष्ठ गीतकार” का अवार्ड भी इनको हासिल है। प्रोफ़ेसर ऐसीं कि “इंटरनैशनल ग्लोबल रोल मॉडल टीचर्स” का आवर्ड प्राप्त हुआ। समाज सेविका ऐसीं कि “यूथ आइकॉन” शीर्षक से सम्मानित हुईं। कवयित्री ऐसीं कि “अंतर्राष्ट्रीय हिंदी काव्य रत्न” से इन्हें नवाज़ा गया। अंग्रेज़ी साहित्यकार ऐसीं कि “लिटरेरी एक्सिलेंस अवॉर्ड” इन्हें प्राप्त हुआ। साथ ही “श्री अटल बिहारी बाजपाई वोमेन अचीवर अवार्ड” से भीे सम्मानित हुईं हैं। आंत्रप्रेन्योर ऐसीं कि ‘ग्लोबल विमेन आइकॉन’ इन्हें प्राप्त है। पत्रकार ऐसीं कि ‘किशोर सम्मान’ मिला। शायरा और लेखिका ऐसीं कि इनकी पुस्तकों को यू.एस.ए. से फाइव स्टार रेटिंग्स प्राप्त हुईं हैं। गायिका,गीतकार, संगीतकार और अभिनेत्री ऐसीं कि इन्हें ‘यूके सुपरस्टार मेघल’, ‘मैगास्टार एमबीएम’, ‘क्वीन ऑफ़ कुमाऊँ, क्वीन ऑफ़ उत्तराखंड’, ‘रॉकस्टार सुपरस्टार मेघल’, ‘स्टाइल आइकॉन मेघल’, जैसे ख़िताब भी हासिल हैं।
इसके अतिरिक्त, ऐसे कई पुरस्कार और ख़िताब इन्हें भारत के साथ-साथ अमेरिका और यूक्रेन जैसे देशों से भी प्राप्त हुए हैं। अपनी एक प्रेरणादायक और अप्रतिम पहचान बनाने वालीं नैनीताल की बेटी डॉ.मेघल ने जिस क्षेत्र में कदम रखा, वहाँ अपना परचम लहराया है। इससे पूर्व भी, अपने बचपन से ही, इन्होंने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। मेघल की पहली ही म्यूजिक एल्बम ने इनके श्रोताओं के दिलों में एक बेहतरीन गायिका, गीतकार और कंपोजर के रूप में इनकी एक सशक्त जगह बना ली। और अपनी पहली ही किताब से भारत से लेकर अमेरिका तक फाइव स्टार रेटिंग्स प्राप्त कर अद्वितीय साहित्यकार के रूप में इन्होंने अपनी धाक जमाई।
बहुत सी फिल्में एवं म्यूजिक एलबम्स भी इन्होंने की हैं जो अंतर्राष्ट्रीय श्रोताओं में काफ़ी पसन्द किए जाते हैं। कड़ी प्रतिस्पर्धा और मुम्बई के बॉलीवुड में कठिन संघर्ष के बीच कला और साहित्य के क्षेत्र में एक स्थापित प्रसिद्ध कलाकार और साहित्यकार हैं डॉ.मेघल। बॉलीवुड में अपनी एक खास जगह बना चुकीं मेघल माया गोविंद, सुनील पाल,अभिलाष, राजेन्द्र गुप्ता, पंडित किरण मिश्र,वरुण बडोला,नेहा शरद इत्यादि, जैसे वरिष्ठ, दिग्गज कलाकारों के साथ कई शोज़ कर चुकी हैं। ग़ौर तलब है कि मुम्बई में माननीय मंत्री श्री कृपाशंकर सिंह, महाराष्ट्र सरकार द्वारा भी डॉ. मेघल को उनके गायिकी, लेखन, फ़िल्म इंडस्ट्री और समाज सेवा के क्षेत्रों में अपने योगदान के लिए सम्मानित किया जा चुका है। यही नहीं, एक साहित्यकार और गायिका के रूप में विदेशों में उनकी अपार लोकप्रियता और सफ़लता के चलते,उन्हें अमेरिका से भी इंटरनैशनली आउटस्टैंडिंग वर्क अवॉर्ड प्राप्त हुआ है जो कि स्वयं अंतर्राष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा नामित विश्व स्तर पर कार्य कर रही लोकप्रिय शक्सियत को दिया जाता है। ये देश के लिए गर्व की बात है।
ख़ास है कि मेघल, उत्तराखंड की प्रथम एवं एकमात्र महिला गीतकार, कम्पोज़र, संगीतकार और गायिका हैं। और मुम्बई में बतौर एंकर टी.वी. पर आने वालीं पहली महिला भी। वे पहली ऐसी गायिका हैं जिनके मार्केट में सोलो एलबम्स आए। पहाड़ी संगीत को एक अनूठा रूप देते हुए, पहाड़ी पॉप म्यूज़िक को भी इन्होंने ही जन्म दिया। अपने नवीनतम पहाड़ी गीत ‘डियर सुआ’ के साथ अब वे उत्तराखंड की ‘पहली महिला रैप म्यूज़िक सिंगर’ भी बन चुकीं हैं। राज्य में स्टार नाईट का आयोजन भी पहली बार “मेघा भारती नाईट” के नाम से ही शुरू हुआ। नैनीताल नगर के शरदोत्सव में इनके कॉन्सर्ट का जनता को बेसब्री से इंतज़ार रहता है और स्वयं मेघल भी मानती हैं कि उन्हें यहाँ अपने हर कॉन्सर्ट के दौरान एक विशिष्ट अनुभूति होती है।
टेलिविज़न के साथ-साथ मेघल फ़िल्मों में भी अपना जलवा बिखेर चुकी हैं। मेघल के गीतों को जब एक फ़िल्म में हिन्दी बॉलीवुड पार्श्व गायिका साधना सरगम ने स्वर दिया तब वे एक स्कूली छात्रा थीं। इन गीतों ने जर्मन फ़िल्मोत्सव में भी खूब प्रशंसा हासिल की। इस फ़िल्म के लिए मेघल को ‘सर्वश्रेष्ठ गीतकार’ का सम्मान भी प्राप्त है। इसी फ़िल्म में किया गया उनका नृत्य भी उनके लिए बहुत प्रसिद्धि लेकर आया।
मेघल एक विश्व स्तरीय लेखिका भी हैं। एक लेखक, शायरा और कवयित्री के रूप में भी मेघल की अनेक रचनाएं हिंदी, उर्दू, अंग्रेज़ी, एवं कुमाऊँनी भाषाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। साथ ही, इनकी विभिन्न भाषाओं में कविता संकलन और नारीवाद पर पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं, जिन्हें अमेरिका से ‘फाइव स्टार रेटिंग्स’ प्राप्त है। इनके काव्य और लेखन ने न केवल भारत में, बल्कि अमेरिका और यूरोप के देशों में भी साहित्य प्रेमियों को प्रभावित किया है। डॉ. मेघल एक अंतर्राष्ट्रीय लोकप्रिय लेखिका हैं और इनकी लेखनी का अठारह से भी अधिक अन्तर्राष्ट्रीय भाषाओं में अनुवाद हो चुका है, जैसे कि इटालियन, ताजिक, अरेबिक, स्पैनिश, पुर्तगाली इत्यादि।
पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र में भी डॉ. मेघल कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय हिंदी और अंग्रेज़ी पत्र एवं पत्रिकाओं में बतौर ब्यूरो-चीफ़,स्तम्भकार, सम्पादक,समीक्षक, पैनल मैम्बर और बोर्ड मैम्बर भी सक्रिय हैं। एक प्रोफेसर के रूप में, वह एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध शिक्षाविद हैं और उनके उद्धरण बहुतायत में मिलते हैं। वह एक प्रसिद्ध शोध विद्वान हैं और कई प्रशासनिक पदों पर भी आसीन हैं।
यही नहीं, एक अद्वितीय कलाकार, साहित्यकार एवं अंग्रेज़ी की प्रोफ़ेसर रहने के साथ-साथ वे एक समर्पित समाज सेविका भी हैं। इनका एक प्रोडक्टशन हाउस है, जिसके माध्यम से वे महिलाओं, बच्चों एवं युवाओं को निःशुल्क कला प्रशिक्षण देती हैं और अपनी प्रतिभा प्रदर्शन के लिए अपनी फिल्म्स, एलबम्स एवं शोज़ में अवसर भी प्रदान करती हैं। ये भी निश्चित ही आज तक का सबसे नया प्रयोग इन्होंने किया है। मेघल बहुमुखी प्रतिभा की धनी तो हैं ही, ख़ास बात ये है कि इतने सारे क्षेत्रों में दख़ल रखते हुए, उन्होंने स्वयं को सिद्ध भी किया है।डॉ. मेघल का जीवन एक प्रेरणा है। वे केवल एक कलाकार या साहित्यकार नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्त्रोत हैं। आज इस मक़ाम पर पहुँची उत्तराखंड के एक मध्यम वर्गीय परिवार की लड़की की अंतराष्ट्रीय स्तर पर मिली सफ़लता का सफ़र निश्चित ही बड़ा ही कठिन रहा होगा और कई मुश्किलों का सामना भी इन्होंने किया। उत्तराखंड के एक सामान्य परिवार से उठकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाना, एक बड़ा संघर्ष है। लेकिन हर परिस्थिति और हर बाधा पार कर अपने राज्य और देश का गौरव बढ़ाने वालीं, नैनीताल शहर की डॉ. मेघल, हर लड़की और विशेषकर उत्तराखंड की बेटियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन चुकीं हैं। युवाओं में इनकी लोकप्रियता इतनी है कि इन्हें ‘यूथ आइकॉन’ यानी ‘युवा आदर्श’ का ख़िताब भी प्राप्त है। बॉलीवुड में भी मेघल लीक से हटकर काम कर रहीं हैं और इस तरह उत्तराखंड से मुम्बई के इस सफ़र में पायनियर और प्रथम अन्वेषक भी हैं। वे कहती हैं कि मुझे फॉलो करते कलाकारों को अगर मार्ग आसान करके दूँ तो सौभ्यशाली महसूस करुँगी।
कला और साहित्य दोनों ही क्षेत्रों में एक सुंदर कलाकार और बुद्धिजीवी साहित्यकार के रूप में निरन्तर उत्तराखंड का नाम रौशन कर रहीं हैं डॉ. मेघल। नित कुछ नया करने वालीं मेघल अपनी इस सफ़लता का सारा श्रेय अपने प्रशंसकों, आलोचकों एवं शुभचिंतकों को देतीं हैं। इनका मानना है कि कोई भी व्यक्ति कभी भी अकेला सफ़ल नहीं होता। उसे इस मक़ाम पर पहुँचाने का श्रेय बहुत से लोगों को जाता है। सो, जिन्होंने भी जाने-अनजाने कभी भी उनके प्रयासों को सराहा हैै, और उन्हें प्रेरित किया है, ऐसे शुभचिंतकों की वे आभारी हैं। बहरहाल, वे नैनीताल आकर यहाँ बिताए अपने सभी पलों की यादों को ताज़ा कर आनंदित हैं।