नैनीताल के बिरला विद्या मंदिर में दो दिवसीय टीओटी प्रमाणन कार्यक्रम का हुआ सफल आयोजन

नैनीताल। प्रतिष्ठित बिरला विद्या मंदिर, नैनीताल में दो-दिवसीय, प्रशिक्षक के प्रशिक्षण (टीओटी) प्रमाणन, कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को जमीनी स्तर पर लागू करना, और 2047 तक भारत के लिए कुशल, सक्षम और उपयुक्त शिक्षित नागरिक तैयार करना है। ज्ञात हो कि, सीबीएसई ने टीओटी के लिए राष्ट्रीय स्तर पर 15000 संसाधन व्यक्ति (रिसोर्स पर्सन) बनाये हैं।
विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल कुमार शर्मा ने उद्घाटन समारोह में सभी विशिष्ट अतिथियों एवं प्रतिभागी शिक्षकों का विद्यालय परिवार की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सीबीएसई द्वारा आयोजित यह दो-दिवसीय

कार्यक्रम शिक्षकों को निश्चित ही लाभान्वित करेगा। इस अवसर पर मुख्य संसाधन व्यक्तियों के रूप में इंस्टीट्यूट ऑफ सेक्रेटेरियल ट्रेनिंग एंड मैनेजमेंट (ISTM) से शरद नौटियाल और श्री विपिन भार्गव तथा साथ ही सीबीएसई की संयुक्त सचिव, रमनदीप कौर ने कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्य एवं सक्रिय भूमिका निभाई। कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह में रमनदीप कौर ने सीबीएसई के डायरेक्टर (ट्रेनिंग) का सन्देश सभी प्रतिभागियों के सम्मुख रखा। शरद नौटियाल और विपिन भार्गव ने प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मुख्य पहलुओं से अवगत कराया और अनुभवात्मक शिक्षण विधियों पर विशेष जोर दिया। रमनदीप कौर ने अपने संदेश में शिक्षकों को प्रेरित करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल शिक्षकों के कौशल को बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को साक्षर और सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रशिक्षण में शिक्षकों को नवीन शिक्षण तकनीकों, डिजिटल उपकरणों और समावेशी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई। इस कार्यक्रम ने शिक्षकों में नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार किया, जिससे वे छात्रों के समग्र विकास के लिए बेहतर ढंग से तैयार होंगे।
विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल कुमार शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि यह टीओटी प्रमाणन कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण कदम है, जो शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण तकनीकों से परिचित कराने और शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगा। उन्होंने सीबीएसई और इंस्टीट्यूट ऑफ सेक्रेटेरियल ट्रेनिंग एंड मैनेजमेंट (ISTM) को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों की सराहना की, जिनके सामूहिक प्रयासों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह दो-दिवसीय कार्यशाला शिक्षकों को और एन ई पी 2020 के सिद्धांतों के अनुरूप एवं आधुनिक शिक्षा के लिए सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।