आखिर क्यों नहीं बन पा रहा कृष्णापुर को जाने वाला मार्ग, 1 किलोमीटर की बटिया में 50 लाख रुपए हुए बर्बाद,कृष्णापुर वार्ड में चार हजार से अधिक आबादी वाली जनता है परेशान,

नैनीताल। नैनीताल नगर पालिका क्षेत्र में स्थित कूड़ाखड-कृष्णापुर मार्ग के लिए 30 वर्ष पूर्व शुरू हुई पहल के बाद बीते वर्षों में यहां रहने वाली 4000 हजार से अधिक की आबादी को जगी सड़क की उम्मीद पर कटीली झाडियां उग गई है। 30 वर्षों की पहल के बाद बीते वर्षों में एक किमी की बटिया में 50 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन अब तक बटिया पूरी नहीं बन पाई है। आधी-अधूरी सड़क में कटीली झाड़ि़यां उग गई हैं। इसमें न लोगों का चलना छोड़ जानवर तक आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं।



नगर के कृष्णापुर वार्ड में चार हजार लोगों से अधिक की आबादी रहती है। जिनकी आवाजाही के लिए बलियानाला से लगा जीआईसी- वीरभट्टी मार्ग ही सहारा था। कई बार ध्वस्त हुआ मार्ग 2018 की आपदा के बाद लगभग आठ वर्षों से बंद है। इस मार्ग की संवेदनशीलता को देखते हुए वर्ष 1996 में यूपी के तत्कालीन राज्यपाल के सलाहाकार डीके आर्या के माध्यम से क्षेत्र के समाजसेवी पालिका के पूर्व उपाध्यक्ष डीएन भट्ट ने शासन स्तर पर पत्राचार किया।
डीएन भट्ट के मुताबिक इसके बाद 2006, 2017, 2023 में पीडब्लू के माध्यम से कूड़ाखड-कृष्णापुर मार्ग के प्रस्ताव भेजे गए। प्रधानमंत्री को भेजे पत्र तथा उनके आदेश पर इसे राज्य योजना में रखा गया लेकिन मार्ग नहीं बन सका। 2021-22 में लोनिवि को जिला योजना से 20 लाख रुपये मिले, लेकिन वन विभाग के जमीन पर स्वामित्व जताने पर धनराशि वापस हो गई। फिर जिला योजना में वन विभाग को पहले चरण में 15 व दूसरे चरण में 38 लाख रुपये अवमुक्त हुए। अब तक 50 फीसदी बटिया पूरी नहीं हुई है, बनी हुई बटिया वाला मार्ग झाड़ियों से बंद है।
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मिट्टी के कट्टों पर बना दी सीसी
-डीएन भट्ट समेत क्षेत्रवासियों का आरोप है कि यहां मिट्टी के कट्टों के ऊपर सीसी मार्ग बना दिया गया है। सौ से अधिक लोगों के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन में सिपाहीधारा, जीआईसी, मल्ला कृष्णापुर मार्ग वैकल्पिक बताते हुए दुपहिया व छोटे वाहनों के लिए सीसी मार्ग की मांग के बावजूद प्रशासन मिलीभगत से इसे वैकल्पिक मार्ग घोषित कर दिया गया। उन्होंने आयुक्त से इस बटिया की गुणवत्ता की जांच की मांग की है।
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हाईकोर्ट में पीआईएल भी विचाराधीन
-पालिका उपाध्यक्ष बताते हैं कि इसे लेकर हाईकोर्ट में 83/2022 जनहित याचिका भी विचाराधीन है। इसमें ईई प्रांतीय खंड को 20 हजार रुपये जुर्माना भी हुआ है। आरटीआई में विभाग का कहना है कि यहां कोई सड़क नहीं थी, जबकि जिला योजना में पूर्व मार्ग के जीर्णोद्धार के लिए धनराशि मांगी है। विभिन्न बिंदुओं को वह आरटीआई में फिर शामिल करने वाले हैं।
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-नगर क्षेत्र के इस मार्ग की हर पहलू पर जांच की जाएगी। मैं स्वयं विभागीय अधिकारियों के साथ मार्ग का निरीक्षण करूंगा। गुणवत्ता में कमी तथा दस्तावेजों के अवलोकन में कमी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा-दीपक रावत कुमाऊं आयुक्त
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-वन विभाग की ओर से 50 लाख रुपये की लागत से सीसी मार्ग का निर्माण किया जा चुका है। लगभग 50 मीटर के अवशेष हिस्से के लिए फिर से प्रस्ताव भेजा जाएगा। वहां से गुजरना वाला नाला भी कार्य में चुनौती है-आनंद लाल डिप्टी रेंजर वन विभाग
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