कारगिल युद्ध की दास्ता सुनाते-सुनाते जोश भर आया सूबेदार मेजर भोला दत्त तिवारी में-कारगिल युद्ध में अपना अहम योगदान देने के बाद मेजर तिवारी को मिली कंपनी हवलदार मेजर के पद पर पदोन्नति,-एक ओर बर्फबारी तो दूसरी ओर गोलाबारी का दृश्य रहा कारगिल युद्ध में प्रभाकर गिल युद्ध में,नैनीताल में निवास कर रहे हैं कारगिल युद्ध के सूबेदार तिवारी

नैनीताल। वर्ष 1999 में हुए कारगिल युद्ध का नाम सुनते ही सभी के मन में स्वत:ही देश प्रेम की भावना जागृत हो जाती है क्यों कि यह वर्ष भारत देश के इतिहास में भी सुनहरे पन्नों में दर्ज हो गया है। कारगिल युद्ध में देश की सीमाओं में वतन की रक्षा के लिए वीर सैनिकों ने अपना जो बलिदान दिया उसे हमेशा-हमेशा याद किया जाएगा। इस वीर जवानों में एक जवान हैं सूबेदार मेजर भोला दत्त तिवारी। तिवारी का कारगिल युद्ध में विजयश्री दिलाने में अहम भूमिका रही है, आज भी जब उनसे कारगिल युद्ध की बात की जाती है तो उनके सामने वहीं युद्ध का दृश्य एकाएक सामने आ जाता है।
कुमाऊं मंडल के ताड़ीखेत विकासखंड के ग्राम बलियाली के मूल निवासी व हाल निवासी अमरायलय नैनीताल में निवास कर रहे हैं और गरीब परिवार में जन्मे सूबेदार मेजर भोला दत्त तिवारी भारतीय सेना में भर्ती होने से पहले हल्द्वानी की एक आढ़त में नौकरी की है। इसके बाद
1981 में भोला दत्त ब्रिगेड आफ द गाड्र्स रेजिमेंट में भर्ती हुए, सेना में भर्ती होने के बाद उन्होंने देश के लिए कई अहम आपरेशन ( आपरेशन बलूस्टार, परमाणु परीक्षण पोखरण, हैडक्वाटर विकटर फोर्स जनरल वीके सिंह साहब के साथ श्री नगर अवन्तिपुरा इसके साथ ही गोधरा काण्ड और अहमदाबाद भूकंप आदि) में हिस्सा लिया।
सेना में सेवा के 18 साल बाद जब देश में कारगिल युद्ध की स्थितियां उत्पन्न हुई तो इस युद्ध के लिए कई सारी यूनिट गई और इसी में एक 17 ब्रिगेड आफ द गाड्र्स रेजिमेंट की एक प्लाटून गई जिसमें भोला दत्त तिवारी भी शामिल थे और अहमदाबाद से स्पेशल एयर द्वारा सिधे लेह एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए वहां से दो ट्रक में समान रख कर कारगिल युद्ध के लिए रवाना हुए। तिवारी बताते हैं कि रात्रि के 11 बजे के करीब हमारी प्लाटून 10 गढवाल रेजिमेंट के इलाके से कारगिल में पहुंची, रात्रि में वहां रुकने के बाद अगले दिन सुबह भोला दत्त को चार जवानों के साथ ककसर सैकटर में चार जाट रेजीमेंट में मिलान मिज़ाइल लेकर दुश्मनों के बंकरों को नष्ट करने के लिए बजरंग पोस्ट पर भेज दिया, यहां कई दिनों तक बर्फ बारी व गोलाबारी में भूखे पेट भी देश की सेवा में तत्पर रहने वाले जवानों का अदमय साहस देखने को मिला ।
इसी दौरान उन्हें मिलान मिज़ाइल से दुश्मनों के बंकरो को ध्वस्त करने का आदेश मिला, दुश्मन के चार बंकर नष्ट किए उसके बाद 18 ग्रिनेडियस के साथ माता पोस्ट पर भेजा, कुछ समय वहां रहने के बाद 22 ग्रिनेडियस के साथ रहे। नौ महीने की सेवा के बाद जब भोला दत वापस अपनी यूनिट अहमदाबाद में लौटे तो उन्हें कंपनी हवलदार मेजर के पद पर प्रोन्नत कर सममानित किया गया। वर्ष 2011 में भोला दत्त सूबेदार मेजर के पद से सेवानिवृत हुए और अपने गांव में रहन और ताड़ीखेत ब्लाक में भाजपा मंडल उपाध्यक्ष के पद पर भी रहे साथ ही अपने गांव से पांच साल सरपंच भी रहे। वर्तमान में तिवारी नैनीताल में अमरालय भवन मल्लीताल में निवास कर रहे हैं।