नैनीताल के डीएसए के खेल मैदान के प्रभुत्व और उसके संचालन को लेकर पालिका में हुई हंगामें दार बैठक,
नैनीताल। डीएसए के खेल मैदान के प्रभुत्व और उसके संचालन को लेकर पालिका ईओ राहुल आनंद की अध्यक्षता में डीएसए महासचिव समेत तमाम संबद्ध क्लब पदाधिकारियों व खेल अधिकारियों के बीच एक बैठक का हुई। जिसमें खेल मैदान का संचालन डीएसए अथवा खेल विभाग द्वारा किये जाने के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। आरोप प्रत्यारोप भी एक दूसरे पर लगते रहे। वहीं बैठक में कई वर्षों से बिना खेल गतिविधि के सिर्फ मतदान के लिए डीएसए से सम्बद्ध क्लबों को समाप्त करने का मुद्दा भी उठा। बैठक में प्राप्त सभी सुझावों की रिपोर्ट डीएम वंदना सिंह को प्रेषित की जाएगी। जिसके बाद ही क्लब के संचालन को लेकर निर्णय लिया जाएगा।
बैठक में तमाम सम्बद्ध क्लब डीएसए को ही खेल मैदान का संचालन करने के समर्थन में नजर आए। जबकि कुछ विरोध में भी आए। गौरतलब हो डीएसए मैदान की – लीज खत्म होने व वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतों के बाद डीएम की ओर से डीएसए की जांच कराई गई थी। जिसमें 1963 से डीएसए की
लीज नवीनीकरण नहीं होने के साथ ही कई वित्तीय गड़बड़ियों की बात सामने आई थी। इतना ही नहीं डीएसए का खुद का सोसाइटी पंजीकरण भी नवीनीकृत नहीं मिला। जिसके बाद से ही डीएसए को समाप्त कर इसका संचालन खेल विभाग के हाथ में देने की मांग उठ रही थी। जिसके बाद डीएम ने पालिका प्रशासक एसडीएम केएन गोस्वामी को डीएसए का प्रशासक नियुक्त किया गया था। इस दौरान क्लब पदाधिकारियों ने कहा कि डीएसए के संरक्षण में संचालित खेल गतिविधियों के बलबूते ही शहर के चार खिलाड़ी ओलंपिक खेलों में प्रतिभाग कर चुके है। लेकिन वर्तमान में वित्तीय सहयोग न होने के कारण खिलाड़ियों को
जरुरत के मुताबिक सुविधाए नहीं मिल पा रही है। जिसपर उन्होंने खेल विभाग से डीएसए को फंड उपलब्ध कराने की मांग की हैं। वहीं कई लोग डीएसए के संचालन के विरोध में नजर आए। इस दौरान ईओ राहुल आनंद ने बताया कि बैठक में कई सदस्यों ने कमियों के साथ ही सुझाव भी दिये है। बैठक के निष्कर्ष के रुप में सामने आया है कि खेल मैदान में खिलाड़ियों को पर्याप्त सुविधाए नहीं मिल पाने के पीछे फंड की कमी है। डीएसए की एतिहासिकता व खेल विभाग के संसाधनों को एक साथ जोड़ कर किस तरह खेल गतिविधियां कराई जाए इसकों लेकर जल्द रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जाएगी। जिला प्रशासन स्तर पर ही खेल मैदान के संचालन को लेकर निर्णय लिया जाएगा । वहीं सहायक निदेशक खेल रशिका सिद्दीकी ने खेल गतिविधियों के संचालन खेल विभाग द्वारा किये जाने के फायदे बताए। कहा कि विभाग की ओर से खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है। खिलाड़ियों को विभाग की ओर से वित्तीय मदद देकर सुविधाए भी प्रदान की जाती है। विभाग की ओर से प्रोत्साहन पाकर खिलाड़ी प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में करियर बना सकते है। बैठक में प्रभारी जिला क्रीड़ा अधिकारी जानकी कार्की, निवर्तमान डीएसए सचिव अनिल गड़िया, शिवराज सिंह नेगी, चंद्रलाल साह, हरीश जोशी, धीरज बिष्ट, जगदीश बवाड़ी, मनोज साह, सांसद प्रतिनिधि गोपाल रावत, दीवान सिंह रौतेला, निवर्तमान पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी, आशु बोरा, राजेश बिष्ट, राजेंद्र सिंह नेगी, मनोज साह जगाती, रवि जोशी, डा मनोज सिंह बिष्ट, भारतीय सही सैनिक विद्यालय के प्रधानाचार्य बिशन सिंह मेहरा, आलोक चौधरी, समीर खान सोनू सिंह समेत तमाम क्लबों के पदाधिकारी मौजूद रहे।