14 December 2024

नारी स्वस्थ तो समाज स्वस्थ है-आशाआशा फाउंडेशन ने भीमताल के ग्रामीण क्षेत्र में लगाया शिविर, महिलाओं को किया जागरूक, स्तन कैंसर के बचाव की दी जानकारी

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नैनीताल।आशा फाउंडेशन द्वारा लगातार चलाई जा रही पिंक मुहिम जो की महिलाओं को लेकर जागरूक करने की दिशा में एक पहल है। उसी के अंतर्गत भीमताल ब्लॉक के रोसील, पासोली,पानियाबोर, पानियमहता, ग्राम सभाओं में जागरूकता कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम रोसील गांव के रामलीला ग्राउंड में रखा गया। जहां सभी गांव की महिलाओं को एकत्रित किया गया।पिछले कई वर्षों से कुमाऊं और गढ़वाल के दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में यह मुहिम पहुंच चुकी है ।

आज इस अभियान में उनके साथ पूर्व ब्लॉक प्रमुख संध्या डालाकोटी, सी आर पी भागीरथी पलड़िया के आग्रह पर यह कार्यक्रम रखा गया उनका कहना था की यहां पर आसपास के गांव में जागरूकता के अभाव से लोग अपनी बात कह नहीं पाते हैं और बड़ी-बड़ी बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं ।आज लगभग 100 से 125 महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के साथ स्तन कैंसर से बचाव और स्वयं परीक्षण करना बताया गया । बुजुर्ग महिलाओं को पिंक कलर का स्टाल पहनाकर सम्मानित किया गया।अध्यक्ष आशा शर्मा का कहना है की स्तन कैंसर के लक्षणों को अगर हम सचेत रहते हैं तो काफी हद तक जान सकते हैं। आज महिलाओं और बालिकाओं को reusable पैड्स फ्री मुहिया कराए गए। और बाजार से मिलने वाले पैड्स का पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से भी अवगत करवाया गया। आज वहां पर ग्राम प्रधान रोसील ललित मोहन, सीनियर सी आर पी भागीरथी पलड़िया, सी आर पी मीनाक्षी मौजूद थी।
। जिन्होंने महिलाओं को एकत्रित करने का जिम्मा उठाया था। अध्यक्ष आशा शर्मा का कहना है कि उनके लिए यह एक बड़े हर्ष की बात है की यह पिंक मुहिम केवल पहाड़ तक सीमित न रहकर धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है और लोग आगे आ रहे हैं ।उन्होंने कहा कि अगर उनको संभव मदद मिलती है तो वह इस मुहिम को जारी रखते हुए दूरदराज के क्षेत्रों में भी इस मुहिम को लेकर कार्य करने की इच्छा जाहिर की। आज फाउंडेशन की तरफ से आशा शर्मा, अहमदाबाद से आई नीरजा शर्मा, संध्या डालाकोटी, दीपा मेहरा, बच्चे सिंह नेगी ,भीम सिंह मेहरा साथ में थे। आज गांव की महिलाओं में उत्साह देखने योग्य था।उनका कहना था कि यह उनके लिए बेहद नई जानकारी थी ।और कपड़े से बने पैड्स को पा कर बहुत खुश थी ।इन पैड्स की लाइफ दो से ढाई साल है। इनके इस्तेमाल से हम पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के प्रयास साथ-साथ महिलाओं को माहवारी के समय अपने ऊपर हर महीने होने वाले खर्चे से निजात दिलाना उनका मकसद है। आशा फाउंडेशन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वस्थ के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ, पर्यावरण संरक्षण के साथ पहाड़ों में बढ़ते नशे के प्रति सचेत करने का प्रयास कर रहे हैं। आज महिलाओं का उत्साह देखने योग्य था और उनका कहना था कि ऐसी जानकारी पहली बार उन्हें जानने को मिली हैं। आशा शर्मा ने सबको अपना ध्यान रखने का आग्रह किया क्योंकि एक औरत के चारों तरफ परिवार घूमता है।नारी स्वस्थ तो समाज स्वस्थ है।

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