असत्य पर सत्य की हुई जीत, नाभि में तीर लगते ही धरा पर गिरा लंकेश,धू-धू कर जला 52 फीट का रावण
नैनीताल। 14 वर्ष के वनवास में लंका पर विजय और अहंकारी रावण के अंत के साथ विजयदशमी पर्व हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। प्रभु श्रीराम का तीर लगते ही डीएसए मैदान के बीच में रखा 52 फीट ऊंचा रावण का पुतला धू-धूकर जल उठा तो हजारों की भीड़ जय श्रीराम का उद्घोष करने लगी। देर शाम तक चली रामलीला में उमड़ी भीड़ प्रभु श्रीराम की विजय गाथा की साक्षी बनी।
खचाखच भरे मैदान में जब श्रीराम और रावण के बीच युद्ध हुआ तो लोगों की नजरें युद्ध पर टिकी रही। एक तरफ राम और रावण तो दूसरी तरफ वानर सेना और राक्षसों का आमना-सामना हुआ। श्रीराम के तीर से कई बार रावण के हाथ पैर और सिर धड़ से अलग हुए लेकिन वरदान के कारण वह हर बार उठ जाता और युद्ध में उतर जाता।
इस बीच रावण के छोटे भ्राता विभीषण प्रभु राम के पास पहुंचे और उन्हें रावण की नाभि में अमृत होने की बात बताई। ऐसा सुन श्रीराम ने मौका नहीं खोया और रावण की नाभि में तीर मारकर उसे धाराशायी कर दिया।
इस पर डोली भूमि गिरत दसकंधर, छुभित सिंधु सरि दिग्गज भूधर…. तब मरते – समय रावण ने प्रभु राम को हे राम कहकर याद किया। इसके बाद 52 फीट का रावण का पुतला धू-धू कर जल उठा। इससे पूर्व हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। इसके बाद मुख्य अतिथि विधायक सरिता आर्या ने प्रभु श्रीराम दरबार की भव्य आरती के साथ विजयादशमी मनाई गई। इस मौके पर श्री राम सेवा के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाडी, मुकेश जोशी मंटू, विमल चौधरी, कमलेश ढौढ़ियाल, देवेंद्र लाल साह, भुवन बिष्ट, संतोष साह, मनोज जोशी, समतुल्ला आदि मौजूद रहे।