श्रीमद देवी भागवत कथा के आठवें दिन रही श्रद्धालुओं की भीड़,15 जून को होगा विशाल भंडारा
नैनीताल।श्रीमद देवी भागवत कथा के अष्टम दिवस पर प्रातः काल मनोज कृष्ण जोशी, कैलाश चंद्र लोहनी, ललित जोशी द्वारा समस्त देवी देवताओं का पूजन किया गया। आज कि पूजा के मुख्य यजमान मनोज चौधरी, देवन चौधरी ,राजीव लोचन साह मीता साह,( अध्यक्ष श्री मां नयना देवी)।
कथा के आज अष्टम दिवस कि कथा का शुभारंभ व्यास पण्डित मनोज कृष्ण जोशी ने सबसे पहले आयोजकों श्री मां नयना देवी अमर उदय ट्रस्ट परिवार उपस्थित श्रद्धालु श्रोताओं का अभिनन्दन किया,आभार व्यक्त किया। श्रीमद् देवी भागवत ग्रन्थ व श्री पुराणों को प्रणाम करने के उपरांत इस स्थान को धारण करने वाली श्री मां नयना देवी को शत-शत नमन किया। तथा
श्री हनुमान जी से इस कथा को सुनने के लिए आग्रह किया । इसके उपरांत व्यास जी ने एक भजन – हे दयालु हे कृपालु जगत जननी भगवती…. भजन को गाकर आज कि कथा का शुभारंभ किया। जिसमें उपस्थित सभी श्रृद्धालु भक्त जनों ने अपनी सहभागिता की।
व्यास जी ने कहा कि जब बहुत जन्मों के पुण्य उदय होते हैं तब कथा श्रवण के लिए मिलती है। ये आपके पूर्व जन्मों का पुण्य है जो आप यह कथा सुन पा रहे हैं,इस शहर में ऐसे भी लोग हैं जिन्हें यह ज्ञात है कि श्रीमद देवी भागवत कि कथा हो रही है लेकिन वो यह कथा सुन नहीं पा रहे हैं यहां आ नहीं पा रहे हैं,और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो बीन बुलाये यहां पहुंच कर कथा श्रवण कर पा रहे हैं।
यह जो रस यहां बह रहा है वह केवल इसी धरा पर सम्भव है। कैलाश और बैकुंठ में भी यह सम्भव नहीं है। ये ईश्वर कि कृपा है कि हमें मानव जीवन मिला है और हमें यह कथा सुनने को मिल रही है।
व्यास जी ने कहा माया से पिण्ड छुड़ाना है तो महामाया का चिन्तन करना चाहिए। ये एक मनोविज्ञान है। स्वप्न क्या चीज है। स्वप्न क्यों आता है। यह जगत कैसा है।यह जगत मिथ्या होते हुए भी सत्य क्यों लगता है। किसी कि मृत्यु हो जाने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता यह सबसे बड़ा सत्य है किन्तु हम इस सत्य को मानते नहीं है।यह जो गर्दन से उपर का हिस्सा है वह ईश्वर का है।
इसके उपरांत राजा हरिश्चंद्र जी कि कथा को विस्तार पूर्वक सुनाया । इस कथा के साथ-साथ वृन्दा व शंखा सुर का चरित्र सुनाया, तुलसी , शालीग्राम, व शंख के महात्म्य कि जानकारी दी।
व्यास जी ने कहा कि भगवती नयना देवी ने ( कल स्थापना दिवस के दिन) नैनीताल को अपनी गोद में धारण किया था।इसी शुभ अवसर पर यह श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन श्री मां नयना देवी अमर उदय ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा है। मां नयना देवी और नन्दा सुनंदा उत्तराखंड की अधिष्ठात्री देवी है। व्यास जी ने कहा कल कथा का विश्राम होगा मैं आपसे एक निवेदन करना चाहता हूं। वाचक को दक्षिण दी जाती है। कथा का अर्थ है परिवर्तन। ये देव भूमि मेरी थात है और हमारी गलतियों के कारण हमने पर्यावरण को दूषित कर दिया है। इसलिए मेरी दक्षिण यह है कि प्रत्येक व्यक्ति वर्ष भर में दो वृक्ष अवश्य लगाएं और उनकी अपने पुत्र कि तरह देख भाल भी करे । छायादार वृक्ष लगाए। व्यास जी ने कल स्थापना दिवस पर होने वाले कार्यक्रम कि जानकारी इस प्रकार दी। 15 जून को श्री मां नयना देवी स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर लाला अमर नाथ साह के वंशजों के द्वारा प्रातःकाल 7 बजे से कुल पूजा, देव पूजन, 11बजे से हवन,कथा प्रवचन 12 बजे से 1 बजे तक, व्यास पूजन, पुस्तक पूजन, कन्या पूजन, ब्राम्हण पूजन 1 बजे से भण्डारा तथा सांय 5 बजे से भजन संध्या ।
इस शुभ अवसर पर श्री मां नयना देवी अमर उदय ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव लोचन साह, घनश्याम लाल साह, प्रदीप साह, महेश लाल साह, हेमन्त साह, श्याम यादव, राजीव दूबे, भीम सिंह कार्की, श्रीमती सुमन साह, श्रीमती अमिता साह, मीनू बुधला कोटी, डॉ सरस्वती खेतवाल तथा श्री मां नयना देवी मंदिर के समस्त आचार्य बसन्त बल्लभ पाण्डे, चन्द्र शेखर तिवारी, भुवन चंद्र काण्डपाल,व शैलेन्द्र मिलकानी, गणेश बहुगुणा, नवीन चन्द्र तिवारी, बसन्त जोशी, रमेश ढैला,सुनोज नेगी, जीवन चन्द्र तिवारी, राजेन्द्र बृजवासी, राहुल मेहता,तेज सिंह नेगी आदि कर्मचारी भी मौजूद रहे।
कल अष्टम दिवस के इस महा यज्ञ में आप सभी श्रृद्धालु भक्त जन सादर आमंत्रित हैं।
मां नयना देवी आप सभी का मनोरथ सिद्ध करें।