बुराई पर अच्छाई की हुई जीत
रावण दहन से पूर्व हनुमान चालीसा का किया पाठ
मल्लीताल व तल्लीताल में हुआ रावण के पुतलों का दहन,

नैनीताल। मल्लीताल में विजयदशमी के मौके पर डीएसए मैदान में रावण मेघनाथ व कुंभकरण के पुतलों का दहन किया गया। पुतला दहन से पूर्व लगभग बीस हजार लोगों ने हनुमान चालीसा का पाठ किया। जिसके बाद मंच पर रामलीला का मंचन शुरू हुआ। मुख्य अतिथियों ने राम दरबार के पात्रों की पूजा की गई, जिसके बाद मंच में राम रावण युद्ध का मंचन किया गया । राम ने रावण को जैसे ही बाण मारा पूरा नैनीताल जय श्री राम के नारों से गूंज उठा। इस वर्ष भी 45 फीट की ऊंचाई वाला रावण का पुतला बनाया गया और कुंभकरण और मेघनाथ के साथ जलाया गया। रावण दहन के दौरान श्री राम सेवक सभा ने भव्य आतिशबाजी का प्रदर्शन किया। रावण दहन से पूर्व श्री राम सेवक सभा द्वारा शाम 5:30 बजे भजन संध्या का कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। रावण कुंभकरण व मेघनाथ के पुतलों के दहन के दौरान रामसेवक सभा ने आकर्षक आतिशबाजी की। इस दौरान हजारों भक्त जनों की भीड़ मैदान में मौजूद रही।
इधर तल्लीताल डांठ पर रावण का पुतला दहन किया गया। इस दौरान आकर्षक आतिशबाजी भी की गई। रावण का पुतला दहन करने से पूर्व रामलीला का मंचन किया गया। विभीषण द्वारा बताए गया की रावण की नाभि में अमृत है इसे तीर मार कर सूखाया जाए जिस पर राम ने रावण को जब तीर मारा और वह जमीन पर गिर गया और मर गया। उसके बाद रावण का पुतला दहन कर दिया गया।
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