आशा फाउंडेशन की पिक मुहिम पहुंचीधीमरखेड़ा गांव , महिलाओं को किया जागरूक, ग्रामीण महिलाएं बोली- उनके लिए यह बेहद नई जानकारी रही
नैनीताल। आशा फाउंडेशन द्वारा लगातार चलाई जा रही पिंक मुहिम जो की महिलाओं को लेकर जागरूक करने की दिशा में एक पहल है। उसी के अंतर्गत काशीपुर के धीमरखेड़ा गांव में जागरूकता कार्यक्रम रखा गया। पिछले कई वर्षों से कुमाऊं और गढ़वाल के दूर दराज ग्रामीण क्षेत्रों में यह मुहिम पहुंच चुकी है उसी के अंतर्गत काशीपुर के प्रसिद्ध इंस्टिट्यूट ऐम ओवरसीज जो की शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान दे रहा हैं ।
उसकी फाउंडर डायरेक्टर नवनीत सिंह के आग्रह पर यह कार्यक्रम रखा गया उनका कहना था की यहां पर आसपास के गांव में जागरूकता के अभाव से लोग अपनी बात कह नहीं पाते हैं और बड़ी-बड़ी बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं । कार्यक्रम में लगभग 60-70 महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के साथ स्तन कैंसर से बचाव और स्वयं परीक्षण करने की जानकारी दी।अध्यक्ष आशा शर्मा का कहना है की स्तन कैंसर के लक्षणों को अगर हम सचेत रहते हैं तो काफी हद तक समझ सकते हैं।
इस दौरान महिलाओं और बालिकाओं को reusable पैड्स फ्री मुहिया कराए गए। और बाजार से मिलने वाले पैड्स का पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव से भी अवगत करवाया गया। कार्यक्रम में एम ओवरसीज की डायरेक्टर नवनीत सिंह और महिला मोर्चा अध्यक्ष उदेश चौहान मौजूद थी। जिन्होंने महिलाओं को एकत्रित करने का जिम्मा उठाया। अध्यक्ष आशा शर्मा का कहना है कि उनके लिए यह एक बड़े हर्ष की बात है की यह पिंक मुहिम केवल पहाड़ तक सीमित न रहकर धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है और लोग आगे आ रहे हैं ।उन्होंने ऐम ओवरसीज इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर आगे भी उस क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा जाहिर की। फाउंडेशन की तरफ से आशा शर्मा, अनिल शर्मा, बच्चे सिंह नेगी ,भीम सिंह साथ में थे। गांव की महिलाओं में उत्साह देखने योग्य था।उनका कहना था कि यह उनके लिए बेहद नई जानकारी थी । आशा शर्मा ने 6 बुजुर्ग महिलाओं को पिंक कलर का स्टाल पहना कर सम्मानित किया।और कपड़े से बने पैड्स को पा कर बहुत खुश थी ।इन पैड्स की लाइफ दो से ढाई साल है। इनके इस्तेमाल से हम पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के प्रयास साथ-साथ महिलाओं को माहवारी के समय अपने ऊपर हर महीने होने वाले खर्चे से निजात दिलाना उनका मकसद है।